क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता हैं, और उसके मार्गों पर चलता है। तु अपनी कमायी निश्चय खाने पायेगा; तु धन्य होगा, और तेरा भला ही होगा।
भजन संहिता 128ः1-2
उपरोक्त पद में, लेखक प्रभु का भय मानने और उसके मार्गों पर चलने के महत्व पर जोर देता है। उनका मानना है कि परमेश्वर अपने लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में समृद्ध करते हैं, और जो लोग परमेश्वर पर भरोसा करते हैं उन्हें आशीर्वाद मिलेगा। मेहनत से सफलता मिलती है और कमाई गलत कामों में नहीं लगती बल्कि आनंद आता है। जो लोग यहोवा से डरते हैं और उस पर विश्वास करते हैं उनके लिए परमेश्वर का वादा यह है कि वे धन्य होंगे, जीवन में समृद्ध होंगे और आगे बढेंगे।
हो सकता है कि कुछ लोगों की आय में बरकत न हो, लेकिन इस वादे का पालन करने से बरकत हो सकती है। उदाहरण के लिए, इब्राहीम, जो ईश्वर का भय मानते हुए चलता था, उसको अकूत दौलत, असंख्य दास-दासियों और पशुओं का आशीर्वाद प्राप्त था। परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करके, व्यक्ति अपने काम में 100 गुना अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं और अपनी कमाई में 100 गुना अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
परमेश्वर का वचन समाप्त नहीं होता, परन्तु वह युगानुयुग कार्य करता है। यदि आप इस पर विश्वास करते हैं, तो यह आपके जीवन में काम करेगा, आपको हर क्षेत्र में समृद्ध बनाएगा और आपकी कमाई में आशीष, देगा। परमेश्वर आपको इस वचन के माध्यम से आशीर्वाद दें।
प्रार्थना- प्रेमी पिता परमेश्वर, धन्यवाद इस जीवन के लिए, मेरी सहायता करें की अपने कार्य, जीवन और परिवार में आपको प्राथमिकता देकर, मैं आपकी महिमा कर सकूँ. हर एक आशीषों के लिए धन्यवाद. आमीन.