चिन्ता नहीं प्रार्थना करें।

पहाड़ यहोवा के सामने, मोम की नाई पिघल गए, अर्थात सारी पृथ्वी के परमेश्वर के साम्हने।

भजन संहिता 95ः5

हो सकता हैं कि आपके जीवन में बहुत सारे चिन्ता के विषय होें, और कुछ ऐसे विषय हो जिनके बारे में आप बहुत चिन्तित रहते हों और सोच-सोचकर परेशान रहते हों और रात को आप सोते भी न हों, क्योंकि आप उसके विषय में सोच रहें होे, और आप तनाव और ड़िपरेशन का शिकार हुये जा रहे हों, तो आज मैं आपको परमेश्वर के वचन से ढ़ाडस देना चाहुँगा कि परमेश्वर जिस पर आप भरोसा करते हैं, वह आपके लिये कार्य करेंगे और उस चिन्ता और डिपरेशन से प्रभु आपको छुटकारा देंगे।

भजन संहिता 97ः5 पद में भजनकार कहते हैं, कि पहाड़ और बढ़ी-बढ़ी चट्टानें जो अपनी जगह से कभी नहीं हिलते जो युगानयुग एक समान बने हुये हैं। पेड़ पौधे जीव जन्तु नष्ट हो जाते हैं, लेकिन पहाड़ अपनी जगह पर स्थिर रहते हैं। पहाड़ कभी हिलते नहीं हैं। और न ही एक जगह से दूसरी जगह खिसकते हैं। यहाँ पर परमेश्वर का वचन कहता है कि ऐसी चट्टानें परमेश्वर के सामने मोम के समान पिघल जाती हैं। और आप जानते हैं कि मोम जब आग के सामने आता है, तो वह पिघलने लगता है। इसी प्रकार से परमेश्वर का वचन कहता है, कि वह चट्टाने और पहाड़ परमेश्वर की उपस्थिति में मोम के समान पिघल जाते हैं।

आज सुबह में मैं आपको उत्साहित करना चाहता हूँ कि आपकी चिन्ता, परेशानी, दुःख और वे विषय जिनके लिये आप चिन्तित हैं। वह परमेश्वर के सामने कुछ भी नहीं हैं। क्योंकि जब परमेश्वर के सामने बडे-बडे पहाड़ और चट्टान पिघल सकते है, तो आपके वे चिन्ता के विषय भी पिघल सकते है इसलिये अपने बहुमूल्य समय को चिन्ता में न गुजारे बल्कि परमेश्वर से प्रार्थना करें तो मैं ये विश्वास करता हूँ कि वह चिन्ता, डर, घबाराहट का विषय परमेश्वर के सामने पिघल जायेगा। इसीलिये परमेश्वर का वचन (1 पतरस 5ः7) में कहता है। कि अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है। इसलिये यदि आपके जीवन में कोई ऐसा विषय हैं जिसके कारण आप चिन्तित हो तो परमेश्वर की उपस्थिति में बैठो और प्रार्थना करें वचन को पड़े तो परमेश्वर के सामने सारी चिन्तायें और दुःख पिघल जायेंगें और हर एक नामुमकिन बातें मुमकिन हो जायेंगी और असम्भव बातें सम्भव हो जायेंगी इसलिये परमेश्वर की उपस्थिति में बने रहें, उससे प्रार्थना करें वही आपकी समस्यों का समाधान निकालेगा।

प्रभु आपको इस वचन के द्वारा बहुतायत से आशीष दे आमीन।

प्रार्थनाः- प्रभु जी हम प्रार्थना करते हैं कि हम अपने जीवन में चिन्ताओं में अपने समय को व्यतीत न करें बल्कि आप से प्रार्थना करें ताकि आप हमारे जीवन की चिन्ताओं को मोम की तरह पिघला दें और हमें हमारी विपत्तियों से छुटकारा दें। आमीन।

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