भोजन पर से उठकर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा लेकर अपनी कमर बान्धी। तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बंधी थी उसी से पोंछने लगा।
युहन्ना 13ः4-5
यहाँ पर हम देखते हैं। जब प्रभु येशुु मसीह भोज करने के लिये बैठे तो उस से पहले प्रभु येशु मसीह ने अपने कमर में बंधे कपड़े से चेलों के पैरों को साफ किया और बरतन में पानी को लेकर प्रभु येशु मसीह ने अपने चेलों के पैर धोये। हम यहाँ पर देखते हैं कि क्यों प्रभु येशु मसीह ने अपने चेलों के पैर धोये, और वह इससे हमें क्या सिखाना चाहते थें।
लूका 22ः24 पद मेें हम देखते हैं, कि येशु मसीह के चेलों के बीच में वाद विवाद हुआ, कि हम में से कौन बड़ा है, और प्रभु येशु मसीह के बाद कौन आदर के योग्य है। यह सुनकर प्रभु येशु मसीह ने उनको शिक्षा दी, कि जो तुम में बड़ा बनना चाहता है, वह सबसे छोटा बनें। इस प्रकार प्रभु यीशु ने उन्हें प्रैक्टिकल करके सिखाया कि तुम्हें अपने जीवन को कैसे जीना है। यहाँ पर हम देखते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर इतना दीन और नम्र हो गया कि उसने अपने चेलों के पैर धोये। यह एक सामान्य बात होती जब एक नौकर अपने अधिकारी के पैर धोये, परन्तु जब एक अधिकारी अपने नौकर के पैर धोये तो ये एक अनोखी बात हो जाती है। इस प्रकार से प्रभु यीशू मसीह अपने चेलों के सामने एक नमूना बन गये। कि हमें अपने जीवन को नम्र होकर जीना है। और एक दूसरे को अपने से बड़कर समझना है। जब आप एक दूसरे को अपने से बढ़कर समझेंगें तभी आप प्रभु येशु मसीह के सच्चे चेले ठहरेंगें और इस बात को लेकर वाद-विवाद न करें कि हम में से बड़ा कौन है। बल्कि हम सबसे छोटे और नम्र बन जायें ।
युहन्ना 13ः14-15 में प्रभु येशु मसीह कहते हैं। कि यदि मैंने प्रभु और गुरू होकर तुम्हारे पैर धोये, तो तुम्हें भी एक दूसरे के पैर धोने चाहिये। क्योंकि मैंने तुम्हें नमूना दिखा दिया है। कि जैसे मैंने तुम्हारे साथ किया वैसे ही तुम भी एक दूसरे के साथ किया करो। इस प्रकार प्रभु येशु मसीह ने वहाँ पर एक नमूना बन के दिखा दिया, कि जो स्वर्ग के राज्य में बड़ा बनना चाहे, वह छोटा बनें। और दीनता और नम्रता का जीवन जिये और एक दूसरे को अपने से बड़ा समझे। यदि आपने एक दिन किसी के पैर धो दिये और दूसरे दिन उसके प्रति आपके मन में नफरत रखते हो तो ऐसे पैर धोने से कोई लाभ नहीं होगा। लेकिन लाभ तब होगा जब आप उस व्यक्ति के पैर तो धो रहे हैं, और साथ ही साथ आपके मन में उस व्यक्ति के प्रति आदर के भाव बने रहते हैं। इस प्रकार करने पर आप प्रभु यीशु मसीह के सच्चे चेले ठहरेंगें।
तो आज मैं आपसे कहूँगा कि आप भी अपने जीवन को दीनता और नम्रता के साथ व्यतीत करें। और हर एक व्यक्ति को अपने से बड़ा समझे, अपितु चेलों की तरह न कहें कि हम में से बड़ा कौन हैं। इस प्रकार चेलों के पैर धोकर प्रभु यीशु ने चेलों को नमूना देकर समझा दिया है। कि तुम्हें एक दूसरे को अपने से बढ़कर समझना है, और मन में एक दूसरे के प्रति आदर का भाव रखना है। और इस प्रकार से करने पर हम दीन और नम्र व्यक्ति बन जाते हैं। प्रभु आपको इस वचन के द्वारा आशीष दे आमीन।
प्रार्थनाः- प्रभु जी हम प्रार्थना करते हैं। कि जिस प्रकार से प्रभु येशु ने अपने चेलोेें के पैर धोकर एक दीन और नम्र मनुष्य बनकर स्वर्ग के राज्य में बड़ा होने का उदाहरण दिया। उसी प्रकार हम भी एक दूसरे के पैर धोयें और मन में एक दूसरे के प्रति आदर रखें, और स्वर्ग के राज्य में बड़ा होने का प्रयास करें आमीन।