देख, यहोवा की दृष्टी सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है,उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए
2 इतिहास 16ः9
इस अध्याय में हम देखते हैं कि यहूदा के राजा बासा ने, इस्राइल के राजा आषा पर युद्ध के लिये चढ़ाई की। राजा आशा इस बात को देखकर घबरा गया इसलिए उसने आराम के राजा बेन्हदद से सहायता मांगी और बहुत सोना-चांदी उसे दिया, ताकि राजा बेन्हदद उसकी सहायता करे, तब राजा बेन्हदद राजा बाशा के साथ युद्ध के लिये चला गया। इस प्रकार राजा आशा और बाशा के बीच में जो युद्व होने वाला था वह रूक गया।
फिर ऐसा हुआ कि हनानी दर्शी जो कि परमेश्वर का भक्त था, राजा आशा के पास पहुॅचा और उसने राजा आशा से कहा, कि तूने राजा बेन्हदद से सहायता मांगकर मूर्खता का काम किया है, क्या तूने इससे पहले बड़े-बड़े युद्ध न लड़े थे, तब क्या परमेश्वर ने तुझे विजय नहीं किया था, फिर क्यों इस बार तूने अपना भरोसा परमेश्वर से हटाकर राजा बेन्हदद पर रखा, क्यों तूने उससे सहायता मांगी, तुझे परमेश्वर पर भरोसा रखना चाहिए था क्योंकि यहोवा की दृष्टि पृथ्वी पर फिरती रहती है, कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए, परन्तु तूने ऐसा न किया इसलिए परमेश्वर कहता है कि इस कारण अब तू जीवन भर लड़ाइयों में फंसा रहेगा।
इस अध्ययन से सीखने को मिलता है कि सहायता के लिए मनुष्यों की ओर नहीं बल्कि परमेश्वर की ओर ताकना है चाहे जीवन में कैसी भी कठिन समस्या क्यों न आ जाये सहायता के लिए परमेश्वर पर ही अपना भरोसा रखना है।
हो सकता है आपको भी सहायता की आवश्यकता हो, तो आप सबसे पहले परमेश्वर से सहायता मागें, और उससे प्रार्थना करें क्योंकि वह उस पर भरोसा रखने वालों की सहायता करना चाहता है यदि आप उसकी ओर सहायता के लिए देखते हैं तो वह आपके लिये सीधा मार्ग निकालेगा, आपकी सहायता करेगा क्योंकि उसकी दृष्टि आप पर लगी रहती है, इसलिये अपना भरोसा परमेश्वर पर रखें न कि किसी मनुश्य पर।
प्रभू आपको इस वचन के द्वारा आशीष दे आमीन।
प्रार्थनाः- प्रभु, चाहे हम जीवन की कैसी भी परिस्थिति से होकर क्यों न गुजरें हम अपना भरोसा किसी मनुष्य पर नहीं अपितु आप पर ही रखे रहें, और आप हमें हर परिस्थिति पर विजय करें आमीन।