यहोवा तुझ को पूँछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहरायेगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएं जोे मैं आज तुझ को सुनाता हूँ, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
व्यवस्थाविवरण 28ः13
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प्रभु येशु मसीह आपको ऊँचे पद पर नियुक्त करेंगे और आपको आगे बढ़ायेंगे, हो सकता है आप प्रार्थना कर रहें हो, हो सकता है आप मेहनत कर रहें होें, और आप इस विषय के लिये प्रार्थना कर रहे हों कि प्रभु मुझे सफल करो और आगे बढ़ाओ, तो परमेश्वर का वचन आप से बात करता है। कि परमेश्वर आपको सफल करेंगे और आपको ऊँचाईयों पर नियुक्त करेंगे। व्यवस्थाविवरण 28ः13 में परमेश्वर का वचन कहता है कि परमेश्वर तुझे पूँछ नहीं सिर ठहरायेगा क्योंकि सिर के भीतर दिमाग होता है और सिर से ही हमारा पूरा शरीर संचालित होता है। जबकि पूँछ से कुछ नहीं होता, इसलिये वह हमें सिर ठहरायेगा, अर्थात तुम्हें अधिकारी नियुक्त करेगा और परमेश्वर का वचन कहता है, कि तू नीचे नहीं तू ऊपर ही रहेगा अर्थात परमेश्वर हमें ऊँचाईयों पर नियुक्त करेगा अधिकारी बनायेगा।
जैसे हम युसूफ के जीवन से देखते है। परमेश्वर ने उसे प्रधानमंत्री बनाया अर्थात सब के ऊपर अधिकारी बनाया दाऊद को राजा बनाया, इसी प्रकार से वचन कहता है कि मैं तुझे पूँछ नहीं सिर बनाऊँगा। परन्तु ये बातें कब पूरी होंगी जब तू परमेश्वर की आज्ञाओं पर चलेगा और मन लगाकर उसकी चौकसी करेगा तब परमेश्वर तुझे ऊँचाईयों पर नियुक्त करेगा।
लुका 10ः27 में परमेश्वर ने अपनी सबसे बड़ी आज्ञा को बताया कि तू अपने परमेश्वर से सम्पूर्ण बुद्धि से सम्पूर्ण मन से, सम्पूर्ण सामर्थ से और सम्पूर्ण आत्मा से प्रेम रख और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। यदि आप इस आज्ञा को पूरा करते हैं, अपने पड़ोसियों से, अपने आस-पास के लोंगों से अपने समान प्रेम करते हैं, तो परमेश्वर का वचन कहता हैं, की तू सिर होगा पूँछ नहीं और तू ऊपर ही होगा नीचे नहीं ।
आज मैं आपको उत्साहित करना चाहता हूँ, कि परमेश्वर की इन आज्ञाओं को पूरा करें अपने पड़ोसियों से, अपने साथ काम करने वालों से, अपने जानने वालों से, अपने समान प्रेम रखें और परमेश्वर से अपने सम्पूर्ण हृदय से प्रेम रखें, जब आप इस प्रकार से करेंगें तो परमेश्वर आपको ऊँचाइयों पर नियुक्त करेंगे आपके कार्याें को परमेश्वर सफल करेंगें। आपकी मेहनत का फल प्रभु आपको देंगें आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर प्रभु आपको देंगेें। इस वचन से प्रभु आपको बहुतायत से आशीष दे आमीन।
प्रार्थनाः- प्रभु जी हम प्रार्थना करते हैं कि हम आपकी आज्ञाओें पर चलें और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करें और आपको सारे कार्यों में प्रथम स्थान दे ताकि आप हमें पूँछ नहीं अपितू सिर ही ठहरायें आमीन।