परन्तु वह आप पिछले भाग में गद्दी पर सो रहा था; तब उन्होंने उसे जगाकर उस से कहा; हे गुरू, क्या तुझे चिन्ता नहीं, कि हम नाश हुए जाते हैं?
मरकुस 4ः38
हो सकता है कि आपके जीवन में कुछ चिन्ता के विषय हों, तो आज परमेश्वर का वचन आपसे कहता है।
मरकुस अध्याय 4 में हम देखते हैं कि एक बार येशु मसीह और उसके चेले झील में से होकर जा रहे थे। यीशु मसीह नाव में पीछे सो रहे थे, और अचानक झील में बहुत तेज तूफान आ गया, लहरें उठने लगी और सब चेले घबरा गये, जबकि वे नाविक थे और उन्होंने अपनी नाव को बचाने की पूरी कोशिश की होगी, परन्तु तूफान इतना भयानक था कि वे उसके आगे थक हार गये, और उन्हें लगा की शायद आज हमारे जीवन का अन्तिम दिन आ गया है।
मरकुस 4ः38 पद में इस प्रकार से लिखा है कि एक चेला प्रभु येशु के पास गया और देखा कि प्रभु येशु सो रहे हैं और उसने येशु से कहा कि हे गुरू, क्या तुझे चिन्ता नहीं कि हम सब नष्ट हुये जाते हैं। ये सुनकर प्रभु येशु मसीह उठे और यीशु ने उस तूफान को डाँटा और कहा कि शान्त हो जा और तूफान शान्त हो गया, और सब कुछ सामान्य हो गया। यह सब देखकर सारे चेले आर्श्चय चकित हो गये। येशु ने उनसे कहा कि तुम क्यों ड़रते हो क्या तुम्हें विश्वास नहीं, अर्थात जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तुम्हारी नाव नहीं डूबेगी और तुम्हारी कुछ भी हानि नहीं होगी। इसलिये तुम्हें ड़रने कि आवश्यकता नहीं।
इसी प्रकार यीशु आपकी नाव में सवार है, वह आपके साथ में है, इसलिए आप किसी भी बात के लिए चिन्तित न हों, वह आपकी नाव को डूबने नहीं देगा।
इसलिये समस्याओं को देखकर परेशान न होयें, चिंतित न होयें, ड़रें नहीं, घबरायें नहीं, इस बात पर विश्वास रखें कि प्रभु आपके साथ हैं, और जब तक प्रभु आपके साथ है, आपका एक भी बाल भी बांका न होगा, इस विश्वास से अपने जीवन में आगे बड़े और प्रभु आपके जीवन में उद्भुत कार्य करेगा।
प्रभु आपको इस वचन के द्वारा आशीष दे आमीन।
प्रार्थनाः- प्रभु जी हम प्रार्थना करते हैं, कि जीवन में आने वाले तूफानों से हम घबरायें नहीं अपितु हमारा विश्वास आप में बना रहे कि आप हमें इन तूफानों में नष्ट नहीं होने देंगे आमीन।