मैं दाखलता हूँः तुम ड़ालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल लाता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
युहन्ना 15ः5
यहाँ पर एक उदाहरण के रूप में प्रभु येशु अपने चेलों को समझा रहे हैं, कि मैं दाखलता हूँ और तुम ड़ालियों के समान हो, और यदि तुम मुझमें बने रहोगे, तो बहुत फल लाओगे, और यदि ड़ाली, दाखलता में से टूटकर अलग हो जाये तो वो कुछ भी नहीं कर सकती और कोई भी फल नहीं ला सकती।
जब ड़ाली, दाखलता से अलग हो जायेगी तो वह किसी काम की नहीं रहेगी, क्योंकि उसे पोषक तत्व नहीं मिलेंगे और वह धूप के कारण सूख जायेगी और नष्ट हो जायेगी, परन्तु यदि ड़ाली दाखलता में बनी रहेगी तो वह कभी नहीं मुरझायेगी, वह हमेशा फलवन्त होगी और बढ़ती रहेगी, उस पर फूल और फल लगेंगे, और उसके पत्ते हरे भरे होंगे।
यहाँ पर प्रभु येशु मसीह अपने चेलों को समझा रहें हैं, कि जब तक तुम मुझमें बने रहोगे, तब तक तुम फलवन्त होते चले जाओगे, आशीषित होते चले जाओगे, और तुम पर फल और फूल लगे रहेंगे, परन्तु यदि तुम मुझसे अलग हो जाओगे तो तुम कुछ नहीं कर पाओगे। क्योंकि यदि ड़ाली दाखलता से अलग हो जाये तो वह अपने में से कुछ नहीं कर सकती।
इस वचन से हम सिखते हैं कि हम यीशु मसीह में हमेशा बने रहें, और उसकी आज्ञाओं के अनुसार चलते रहें, क्योंकि जब हम उसकी आज्ञाओं मे चलते रहेंगे तब हम जीवन के हर एक क्षेत्र में फलवन्त होते रहेंगे। जिस प्रकार दाखलता, ड़ाली को विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व देती है और उसे हरा भरा रखती है उसी प्रकार प्रभु येशु मसीह हमें हर प्रकार के दान वरदानों से और आशीषों से तृप्त करेगा ताकि हम अपने जीवन में आगे बढ़ सके, इसीलिये प्रभु येशु मसीह कहते हैं कि तुम मुझ से अलग होकर कुछ भी नहीं कर सकते।
तो यदि आप अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं तो आपको जीवन भर प्रभु यीशु मसीह में बने रहना है और उसके वचनों में बने रहना हैं, तब आप आशीषित होंगें। प्रभु आपको इस वचन के द्वारा बहुतायत से आशीष दे आमीन।
प्रार्थनाः- प्रभु जी हम प्रार्थना करते हैं कि हम हमेशा आप मे बने रहें क्योंकि हम आपसे अलग होकर कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि आप ही हमारे आशीषों के सोता हो। प्रभु यीशु के नाम से आमीन।