उत्पत्ति 11ः27-32
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परमेश्वर के पास आपके लिये उत्तम योजना है। और परमेश्वर चाहते हैं आपके जीवन से वह योजना पूरी हो, लेकिन बहूत से भाई बहन परमेश्वर की योजना को नहीं समझ पाते और परिस्थितियों को देखकर विश्वास में कमजोर हो जाते है और रूक से जाते हैं।
हम उत्पत्ति 11ः27-32 में एक व्यक्ति के बारे में देखते हैं जिसका नाम तेरहा था। और तेरहा ने क्या किया! उसने उर देश से चलना शुरू किया और उसने सोचा था कि मैं कनान देश को जाऊँगा, परन्तु जब वह वहाँ से निकला तो वह हारान देश में रूक गया और वहीं पर बस गया और उसने अपना घर वहीं पर बना लिया और वहीं पर वह ठहर गया। और उसने आगे जाने की योजना नहीं बनायी। और बाइबल कहती है कि वह कुछ सालों बाद वहीं पर मर गया। लेकिन परमेश्वर ने अब्राहम को वहाँ से बाहर निकाला और अब्राहम वहाँ से कनान देेश को पहुँचा और आशीषों को प्राप्त किया। यदि तेरहा वहाँ पर नहीं रूकता तो वह भी परमेश्वर की आशीषों और आश्चर्य कर्मों को देखता।
परमेश्वर ने आपको भी लाखों करोड़ों की भीड़ से आपको चुना है। इसलिये आप अपने विश्वास की यात्रा को रोके नहीं, जिस प्रकार तेरह ने अपने या़त्रा को बीच में रोक दिया। आपको लगातार आगे बढते चले जाना है।
प्रेरित पौलुस फिलिप्पियों 3ः14 में कहते है कि मैं आगे की ओर दौडा चला जाता हूँ और पीछे की बातों को भूल कर आगे कि ओर बढता जाता हूँ। इसीप्रकार से आपको अपने विश्वास की या़त्रा को रोकना नहीं है, आगे बढते रहना है। इसलिये जो कुछ आपके साथ में हुआ उन बातों को भूलते हुये आपको विश्वास की यात्रा में आगे बढते जाना है। जिस प्रकार पौलुस कहते हैं कि उस मुकुट को पाने के लिये मैं दौड़ा चला जाता हूँं। आपके लिए भी परमेश्वर के पास ईनाम है उस ईनाम का पाने के लिए आप लगातार विश्वास में बने रहे और आगे बढते रहें, प्रार्थना में लगे रहें, वचनों को पढते रहें, संगति में बने रहें।
प्रभु आपको इस वचन के द्वारा बहुतायत से आशीष दे आमीन।
प्रार्थनाः- प्रभु जी हम प्रार्थना करतें है कि हम हर विपरीत परिस्थिति में आपके पीछे चलना न छोड़े और आगे बड़ते रहें ताकि उस इनाम को पायें जो आपने हमारे लिये रखा हुआ है। आमीन।